ऑर्गेनिक फंगीसाइड्स (फफुंदनाशक) का क्या महत्व है?
कैसे हो किसान भाइयों?
आज हम बात करने वाले हैं ऑर्गेनिक फंगीसाइड्स के बारे में। ऑर्गेनिक फंगीसाइड्स का इस्तेमाल होता है फसल को फंगस लगने वाले रोगों से बचाने के लिए, वह भी किसी रासायनिक फंगीसाइड के बिना। ये कैसे कर सकते हैं, यह आगे देखिए।
तो दोस्तों, 2 तरह के ऑर्गेनिक फंगीसाइड्स बाजार में आसानी से हमें मिल जाते हैं।
एक है – ट्राईकोडर्मा, और
दूसरा है – स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस.
ट्राईकोडर्मा नाम का जो ऑर्गेनिक फंगीसाइड है, उसका मुख्यतः इस्तेमाल होता है पहले बुआई के वक्त, और बाद में सिंचाई के वक्त। और स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस नाम का ऑर्गेनिक फंगीसाइड, क्रॉप मेनटेनेंस के लिए, यानी बढ़ती हुई फसल की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल होता है। ये दोनों ही फंगीसाइड्स एक एक लीटर के बोतल में आते हैं। ये तरल रूप में भी होते हैं, और पाउडर फॉर्म में यानी बुक्टी, या चूर्ण के रूप में भी। तरल रूप में इनसे इस्तेमाल करना ज्यादा असरदार होगा। इनका एक लीटर का डोज़ एक एकड़ के लिए पर्याप्त होता है।
अब इनका तरल रूप में इस्तेमाल करनेका तरीका समझ लेते हैं।
किसान भाई अपने खेतों में ज्यादातर रासायनिक फंगीसाइड्स ही छिड़कते हैं। अब अगर हम रासायनिक की जगह ऑर्गेनिक फंगीसाइड की ओर जाना चाहते हैं, तो पहले हम पौधे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर ध्यान देंगे। इसके लिए, पहले एक लीटर ट्राईकोडर्मा ऑर्गेनिक मैन्युअर में मिलाकर बुआई के समय हमें जमीन में डालना है। या इससे सीड ट्रीटमेंट कर लें। इससे बोए गए बीज, किसी भी फंगस या रोग के हमले से बचे रहेंगे।
आगे, पहली सिंचाई के समय, एक और लीटर ट्राईकोडर्मा लेकर, ड्रेंचिंग करना है। ड्रेंचिंग कैसे करते हैं, ये हम पहले आपको बता चुके हैं। तो, एक लीटर ट्राईकोडर्मा लेकर 15-20 लीटर पानी में मिलाकर, स्प्रे टैंक के द्वारा ड्रेंचिंग करनी है, यानी जमीन में अंकुरित होते हुए पौधों की जड़ों को सिंचना है। एक एकड़ जमीन के लिए अगर चार स्प्रे टैंकों की जरूरत पड़ती है, तो एक लीटर ट्राईकोडर्मा को 4 चार स्प्रे टैंकों में बराबर बाँट दीजिए, और ड्रेंचिंग कर दीजिए, मतलब, जड़ों को सिंचिए।
ध्यान रहे, ऑर्गेनिक फंगीसाइड का ये ड्रेंचिंग खेत में यूरिया डालने के कम से कम 48 घंटे बाद या 48 घंटे पहले करना है।
इसके साथ-साथ हमें क्रॉप मेन्टेनेंस भी करना है। क्रॉप मेन्टेनेंस का मतलब होता है समय-समय पर फसल की रक्षा करनेवाले फंगाइसाइड का छिड़काव करना। इसके लिए स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस नाम का ऑर्गेनिक फंगीसाइड पानी में मिलाकर नियमित तरीके से हर 25-30 दिन में हमें खेत में छिड़कना है। इसे हम 'फोलियर स्प्रे' कहते हैं। इस तरह से, बुआई से लेकर फसल पूरी बढ़ने तक हम, रासायनिक फंगीसाइड का इस्तेमाल किए बिना, ऑर्गेनिक तरीके से फंगस के हमले से फसल को सुरक्षित रख सकते हैं।
दोस्तों, अगर आप इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखें तो आपकी फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी और जमीन की सेहत भी बनी रहेगी।
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