फर्टिलाइज़र्स के सही उपयोग से करिये पैसों की बचत!

 नमस्कार दोस्तों,

आप अगर बहुत सालों से अपने खेतों में लगातार केमिकल्स का इस्तेमाल कर के एक ही तरह की खेती कर रहे होंगे तो, फसल तो आपको ठीक ठाक मिल जाती होगी, पर आप थोड़ा ध्यान दे तो आपको पता चलेगा कि हर साल लागत बढ़ती जा रही है।

उदहारण के लिए, अब से 10 साल पहले आपको एक एकर में एक एक बोरी डीएपी, एमओपी, और यूरिया की लगती होगी, तो आज वहीँ पर आपको ज्यादा केमिकल्स यानी रासायनिक खाद डालने पड़ रहे होंगे।

जिन किसान भाइयों की जमीन कमजोर है, या कम उपजाऊ है, उनके लिए तो ये लागत और ज्यादा होती है।

अब केमिकल्स इस्तेमाल करने वाले लगभग हर किसान की ये हालत है, की खर्चा तो हर साल बढ़ रहा है, पर फसल में और उसकी गुणवत्ता में उतनी वृद्धि नहीं दिख रही।

तो क्या करें?

सब से पहले तो साइल टेस्ट करवाइये।

साइल टेस्ट से अगर पता चलता है, की जमीन में आर्गेनिक कार्बन अच्छा है, तो तरल बायोफर्टीलाईजर डालकर जमीन में जो अतिरिक्त पोषक तत्व जमा पड़े हैं, उनको संतुलित करें. इससे आपका खर्च काफी नियंत्रण में आ जायेगा. ये कैसे होगा ये समझ लेते हैं।  जैसे मिटटी में फ़ास्फ़रोस या पोटाश ज्यादा है, और जमीन का आर्गेनिक कार्बन अच्छा है, तो अगली बुवाई के समय, आर्गेनिक मैन्युअर के साथ तरल बायोफर्टिलाइजर – जैसे PSB, KMB, या बायो-NPK – मिलाकर, ज़मीन में डालिए। इससे आपका डीएपी, पोटाश, और यूरिया पर होनेवाला लगभग 40%-50% खर्च बचेगा।

अब, आर्गेनिक कार्बन सही नहीं है, तो पहले अपने ज़मीन का आर्गेनिक कार्बन ठीक कीजिए, और फिर तरल बायोफर्टिलाइजर डालिए।

अब इसमें 40 से 50 टका पैसा बचता है, वह कैसे होता है देखिए। डीएपी के 50 किलो के एक बोरी का मूल्य है लगभग 1,400 रुपये; MOP के एक 50 किलो के बोरी का मूल्य है लगभग 900 रुपये। इसके अलावा, गोदाम का और अतिरिक्त मजदूरों का खर्च अलग से होगा।

अब इसकी जगह, आपको तरल बायोफर्टिलाइज़र पड़ता है लगभग रुपये 500 प्रति लीटर। आर्गेनिक मैन्युअर के एक 50 किग्राम के बैग का मूल्य है रुपये 300। खर्च लगभग आधा हुआ के नहीं? गोदाम और मजदूरों का भी कोई ज्यादा खर्च नहीं होता।

इसके फायदे देखिए: आपकी लागत तो कम हो ही गई, पर इसके साथ आपकी ज़मीन का उपजाऊपन भी बढ़ता जाएगा, ज़मीन में सूक्ष्म जीव क्रिया सुधरेगी, फसल ज़्यादा होगी, और उसकी गुणवत्ता भी बढ़ती जाएगी, और धीरे-धीरे आपकी ज़मीन आर्गेनिक होगी।

इससे आपकी ज़मीन के ओसी (OC), पीएच (PH), और ईसी (EC) में भी सुधार होगा। इनके सुधरने का महत्व भी हम आपको बता चुके हैं।

तो किसान भाइयों, इसे कहते हैं ऑप्टिमाइजेशन। यानी फ़र्टिलाइज़र की क्षमता का पूरा पूरा उपयोग। ज़मीन के पोषक तत्वों को तरल फ़र्टिलाइज़र और आर्गेनिक मैन्युअर से संतुलित करके, पैसा भी बचता है, और आमदनी भी बढ़ती है।

नीचे कमेंट करके बताइए, आपको हमारा ब्लॉग काम आ रहा है कि नहीं।

और हाँ, आपका अपना यूनिकिसान ऐप डाउनलोड करना मत भूलिए।


Comments

  1. किसानो के लिये महत्वपूर्ण जानकारी

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    1. धन्यवाद। हमें उम्मीद है कि किसानों को यह जानकारी उपयोगी लगेगी।

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  2. बहुत अच्छी पहल है

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