ऑर्गनिक फॉस्फेट फर्टिलाइज़र का महत्व क्या है ?

 कैसे हो दोस्तों?

शुरू करते हैं अपना अगला विषय  – ऑर्गनिक फॉस्फेट फर्टिलाइज़र। 

अब जैसे मैंने आपको पिछले ब्लॉग में बताया था कि एक खाद होता है मॅन्यूर, जो मिट्टी की उपजाऊ ताकत बढ़ाता है, और एक खाद होता है फर्टिलाइज़र, जो पौधों को बढ़ने में मदद करता है। 

ऑर्गैनिक मॅन्यूर की बात हम कर चुके हैं। अब आते हैं, ऑर्गनिक फॉस्फेट फर्टिलाइज़र पर जो मुख्यतः बुआई के समय डालना होता है। 

फर्टिलाइज़र का मुख्य तत्व फॉसफोरस मजबूत जड़ें निर्माण करता है। भारत के ज़्यादातर किसान पिछले 30-40 साल से डीएपी केमिकल फॉस्फेट फर्टिलाइज़र का इस्तेमाल कर रहे हैं। डीएपी में 46% फॉसफोरस होता है, 18% नैट्रोजन होता है, और 0% पोटाश होता है। 

जब ये डीएपी किसान खेत में डालते हैं, तो पौधा सिर्फ इसका 25-30% फॉसफोरस ही इस्तेमाल कर पाता है, बाकी जमीन या मिट्टी में पड़ा रहता है, जो इस्तेमाल ही नहीं होता। अब ये फॉसफोरस हम सालों से डाले जा रहे हैं, जो मिट्टी में बहुत सारा जमा हो गया है। और मिट्टी के काम भी नहीं आ रहा है। 

ऐसे में हम और फॉस्फेट फर्टिलाइज़र डाले तो लाभ नहीं होगा। क्यूंकि उसमें जरूरत से ज्यादा फॉसफोरस पहले से ही मजूद है। इसीलिए पहले हमे सॉइल टेस्ट करके पता करना होगा कि जमीन में फॉसफोरस कितनी मात्रा में मौजूद है, जिससे पौधों को पर्याप्त पोषण मिल पाए। अगर फॉसफोरस अतिरिक्त मात्र में है तो फॉस्फेट फर्टिलाइज़र डालकर काम नहीं बनेगा।

इस समय जमीन को जरूरत है बैक्टीरीया की, जो आता है फॉसफोरस सोलूबलाइजिंग बैक्टीरीया (PSB/ पीएसबी) के रूप में। ये बैक्टीरीया जमीन में जमा अतिरिक्त फॉसफोरस को मिट्टी में अच्छी तरह से मिला देता है, जिससे मिट्टी पौधों को फॉसफोरस का अच्छा पोषण दे पाती है। 


इसके साथ मिट्टी में माइकोराईजा ( Mycorrhizae) नाम का पदार्थ मिलाईये  जिससे पौधों में सफेद जड़ों का निर्माण होता है। फॉसफोरस सोलूबलाइजिंग बैक्टीरीया (PSB/पीएसबी) और माइकोराईजा ( Mycorrhizae) दोनों को तरल रूप में एक एक लीटर 50 किलो ऑर्गैनिक मॅन्यूर में अच्छे से मिला कर बुआई के वक्त अपने खेत में डाल दीजिये। इतना डोज एक एकर जमीन के लिये पर्याप्त है। इससे आपको अपनी फसल में जबरदस्त फर्क दिखाई देगा। 



और इनका इस्तेमाल तब तक करते रहिये जब तक आपके खेत की मिट्टी में अतिरिक्त फॉसफोरस है। और ये आपको सॉइल टेस्ट से पता चलता रहेगा। 

लेकिन अगर आपको सॉइल टेस्ट में पता चलता है कि आपकी जमीन में फॉसफोरस की कमी है, तब आप खेत में “फॉसफेट रिच ऑर्गैनिक मॅन्यूर” (PROM) के 50 किलो के 2 बॅग (लगभग 100 किलो) खेत में डाल दीजिये। और ये भी एक एकर जमीन डोज है।


अगर आप प्रोम (PROM) फर्टिलाइजर को 50 किलो के ऑर्गैनिक मॅन्यूर में मिलाकर डालते हैं तो नतीजे और बेहतरीन आएंगे। 

इस प्रोम में मुख्यतः होता क्या है ? इसमें होता है 10-11% फॉसफोरस, 0.5-1% नैटरोजेन, और 0% पोटाश। और ये सारे पदार्थ ऑर्गैनिक रूप में होते हैं, जो पौधे को पूरा मिलता है। इसके अलावा PROM में सूक्ष्म मात्रा में जिंक, कॉपर, क्रोमियम, केडमियम, निकेल, इत्यादी तत्व भी होते हैं ये भी पौधे को पोषण देते हैं। ये सारे सूक्ष्म तत्व आपको DAP में नहीं मिलते।

बाजार में इन श्रेणियों में प्रोम फर्टिलाइजर उपलब्ध हैं –

1. फॉसफेट रिच ऑर्गैनिक मॅन्यूर (PROM)

2. भू-ग्रो 

3. प्रोमोसा (PROMOSA), इत्यादी। 

तो दोस्तों आप इस तरह सोच समझकर खेती करेंगे तो रासायनिक खादों को धीरे धीरे कम करते हुए ऑर्गैनिक खादों की तरफ आप बढ़ सकते हैं। और इस दौरान जमीन में ऑर्गैनिक कार्बन का समतोल भी बना रहेगा। इससे आपके खेत की मिट्टी और फसल दोनों तंदुरुस्त बनेंगे। 

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