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Showing posts from April, 2024

खरपतवार को आर्गेनिक तरीके से कैसे रोकें?

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नमस्ते दोस्तों, आज का हमारा विषय जरा नाज़ुक है। हम बात करेंगे खरपतवार को बिना केमिकल का इस्तेमाल किए कैसे रोका जाए। याने आर्गेनिक तरीके से खरपतवार को कैसे रोका जा सकता है। ये नाज़ुक इसलिए है कि इसपर बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। इसलिए दोस्तों, हमारी टीम ने संशोधन करके, ये कीमती जानकारी हासिल की है, जो हम आप से अब साझा करेंगे। इसीलिए ये जानकारी ऐसे ही किसानों के लिए है जो नई सोच रखते हैं, जो नई टेक्नोलॉजी सीखकर, उसकी मदद से पूरी तरह से बिना केमिकल्स वाली आर्गेनिक फार्मिंग करना चाहते हैं। पहले समझ लें कि खरपतवार या वीड एक तरह की अनावश्यक घास होती है जो फसल के पौधे के इर्द-गिर्द उग आती है। ये घास पौधे की बढ़त को रोक देती है। और पूरी फसल का लगभग 30% उत्पाद कम कर देती है। भारत में कई प्रदेशों के किसान इस खरपतवार से परेशान हैं। इसीलिए खरपतवार को खत्म करना आपके फसल के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। ज्यादातर किसान फसल को खरपतवार से बचाने के लिए हर्बिसाइड का इस्तेमाल करते हैं, जो एक रसायनिक दवा है। अगर आप भी हर्बिसाइड इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसका इस्तेमाल फ़िलहाल कम से कम रखें। क्योंकि हम आपको इसका आर...

वनस्पतींवर विषाणूचा हल्ला कसा टाळता येईल

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नमस्कार शेतकरी बांधवांनो, आज आपण आपल्या पिकांवरील विषाणूच्या हल्ल्याबद्दल बोलू, आणि नंतर कोणत्याही रसायनांचा वापर न करता या विषाणूचा पूर्णपणे आर्गेनिक पद्धतीने कसा उपचार करता येईल ते पाहू. बऱ्याच वेळा आपण पाहतो की चांगल्या वाढणाऱ्या पिकाची पाने आकुंचन पावतात कारण ती विषाणूंमुळे संक्रमित होते. जेव्हा हवेमध्ये जास्त आर्द्रता असते तेव्हा हे घडते. अशा विषाणूंच्या हल्ल्यामुळे पिकाची वाढ व्यवस्थित होत नाही आणि ती थांबते. आणि जोपर्यंत विषाणू पिकावर हल्ला करत राहतात तोपर्यंत हे चालू राहते. ही अतिशय सोपी आर्गेनिक उपचार पहा. 200 मिली स्यूडोमोनास फ्लोरेसेन्स (Pseudomonas Fluorescens) आणि 200 मिली ट्रायकोडर्मा (Trichoderma) आर्गेनिक बुरशीनाशकांचे मिश्रण 20 लिटर पाण्यात मिसळा आणि ज्या पानांवर विषाणूचा प्रादुर्भाव आहे त्यावर फवारणी करा. हा डोस दर 10 दिवसांनी 3 ते 4 वेळा द्यावा लागतो. हे केवळ वनस्पतींमधून विषाणू काढून टाकणार नाही तर व्हायरस परत येण्यापासून देखील प्रतिबंधित करेल. कारण स्यूडोमोनास फ्लूरोसेन्स आणि ट्रायकोडर्मा यांचे हे मिश्रण मुळे पिकांची प्रतिकारशक्ती वाढवते. असे केल्याने, आटलेली पा...

पौधों पर वायरस का आक्रमण कैसे रोकें

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नमस्कार किसान भाइयों, आज हम बात करेंगे हमारी फसल पर होनेवाले वायरस अटैक के बारे में, और फिर देखेंगे कि कोई भी केमिकल इस्तेमाल किए बिना , पूरी तरह आर्गेनिक तरीके से, इस वायरस का इलाज कैसे किया जाता है। कई बार हम देखते हैं कि अच्छी बढ़ती हुई फसल की पत्तियां सिकुड़ जाती हैं क्योंकि इसे वायरस जकड़ लेते हैं। ऐसा तब होता है जब हवा में ज्यादा नमी या आर्द्रता होती है। ऐसे वायरस आक्रमण के कारण फसल ठीक से नहीं बढ़ पाती, वो रुक जाती है। और ये तब तक रुकी रहती है जब तक वायरस का आक्रमण फसल पर बना रहता है। इसका एकदम सरल आर्गेनिक इलाज देखिए। 200 मिलीलीटर स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस (Pseudomonas Fluorescens) और 200 मिलीलीटर ट्राईकोडर्मा (Trichoderma) ऑर्गेनिक फंगीसाइड्स का मिश्रण लेकर 20 लीटर के पानी में मिलाकर जिन पत्तियों पर वायरस लगा है, उन पत्तियों पर स्प्रे करना है, यानी छिड़कना है।ये डोज एक एकड़ के लिए पर्याप्त होता है।  ऐसा डोज़ 3 से 4 बार हर 10 दिनों पर देना है। इससे पौधों पर लगा वायरस तो जाएगा ही, साथ ही ये वायरस को दोबारा आने से भी रोकेगा। क्योंकि स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस और ट्राइकोडर्मा का य...

युनिकिसन ॲप वापरण्याचे फायदे

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  https://play.google.com/store/apps/details?id=com.uniksian.com शेतकरी बांधवांनो, आज आम्ही तुम्हाला युनिकिसन ॲपबद्दल सविस्तर माहिती देणार आहोत. अनेक शेतकरी बांधवांनी ते आधीच डाऊनलोड केले असेल. त्याचा फायदाही घेत असतील. हे ॲप शेतकऱ्यांसाठी किती फायदेशीर आहे हे आम्ही तुम्हाला सांगणार आहोत. मित्रांनो, युनिकिसन ॲप प्रेडिक्टिव एआय (AI) वापरतो. म्हणजेच, ते तुम्हाला अधिक तपशील सांगते, जेणेकरून तुम्ही शेतीबाबत योग्य निर्णय घेऊ शकता. युनिकिसन ॲप जाणून घेतल्यावर हे ॲप खास असल्याचे तुम्हाला समजेल. शेतीशी संबंधित इतर ॲप्सपेक्षा हे पूर्णपणे वेगळे आहे. तुम्ही ॲप ओपन करताच, ओटीपी पडताळणीनंतर तुम्हाला विचारले जाते की तुमच्याकडे फार्मिंग सॉइल हेल्थ कार्ड आहे की नाही. जर तुमच्याकडे हे कार्ड नसेल तर ते तुम्हाला ऑनलाइन अर्ज कसा करायचा हे सोप्या भाषेत शिकवेल. तुमच्याकडे हे कार्ड असल्यास, तुम्हाला सॉइल हेल्थ कार्डमध्ये दिलेली माहिती टाकण्यास सांगितले जाईल. तुम्ही तुमच्या शेतातील जमिनीत pH, सेंद्रिय कार्बन, फॉस्फरस, पोटॅश, झिंक, नायट्रोजन इ.चे प्रमाण नोंदवताच, तुमच्या जमिनीसाठी कोणते पोषक तत्व योग्य अस...

यूनिकिसान ऐप का उपयोग करने के फायदे

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https://play.google.com/store/apps/details?id=com.uniksian.com किसान भाइयों, आज हम आपको यूनिकिसान ऐप की विस्तार से जानकारी देने वाले हैं। कई किसान भाई इसे पहले ही डाउनलोड कर चुके होंगे। उसका लाभ भी उठा रहे होंगे। हम आपको बताएंगे कि ये एक ऐप कितने तरीकों से किसानों के लिए लाभदायी होता है। दोस्तों, यूनिकिसान ऐप प्रेडिक्टिव एआई (AI) का उपयोग करता है। यानी आगे की बात बताता है, ताकि आप खेती के बारे में सही निर्णय ले सकें। यूनिकिसान ऐप को जानने के बाद आप समझ जाएंगे कि ये ऐप खास है। खेती से संबंधित बाकी ऐप से ये बिल्कुल अलग है। ऐप खोलते ही ओटीपी (OTP) वेरिफिकेशन के बाद आपको पूछा जाता है कि आपके पास फार्मिंग सॉइल हेल्थ कार्ड यानी मृदा स्वास्थ्य कार्ड  है या नहीं। अगर आपके पास ये कार्ड नहीं है तो उसके लिए ऑनलाइन निवेदन कैसे देना है ये सरल भाषा में सिखाएगा। अगर आपके पास ये कार्ड है तो आपको सॉइल हेल्थ कार्ड में दी जाने वाली जानकारी दर्ज करने को कहा जाएगा। आपके खेत की मिट्टी में पीएच, आर्गेनिक कार्बन, फास्फोरस, पोटाश, जिंक, नाइट्रोजन , वगैरह की मात्रा कितनी है ये दर्ज करते ही आपकी मिट्टी के ...